Tata Capital IPO: परिचय और ताज़ा अपडेट
IPO क्या होता है और क्यों ज़रूरी है?
IPO (Initial Public Offering) वह प्रक्रिया है जिसमें कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता को बेचती है। इसके पीछे मुख्य कारण होते हैं:कंपनी को नए projects के लिए capital चाहिए।
Expansion और नई technology में निवेश करना।
Regulatory compliance (जैसे RBI के नियम)।
Existing investors (promoters, venture capitalists) को exit का मौका देना।
Tata Group और Tata Capital का महत्व
Tata Group भारत के सबसे पुराने और बड़े conglomerates में से एक है। इसके business steel, auto, software (TCS), retail, power, telecom तक फैले हैं।
Tata Capital, Tata Sons की financial services subsidiary है और इसने लगभग हर segment में loan और financial services उपलब्ध कराई हैं:
Retail loans – personal loan, car loan, education loan
Corporate finance – business loans, working capital loans
Wealth management & advisory
Housing finance
Tata brand की credibility और trust factor इस IPO की सबसे बड़ी ताक़त है।
Tata Capital की Financial Performance
Tata Capital ने पिछले कुछ सालों में steady growth दिखाई है।
Loan book में लगातार वृद्धि।
Profit after tax (PAT) में मजबूत सुधार।
NBFC सेक्टर की औसत से बेहतर asset quality।
हालांकि, unlisted market में इसके शेयर की कीमत ~35% गिरी है। इसका मतलब है कि investors valuation लेकर cautious हैं।
IPO तिथियाँ और मुख्य जानकारी
IPO खुलने की तिथि: 6 अक्टूबर 2025 से
IPO बंद होने की तिथि: 8 अक्टूबर 2025
Anchor investors के लिए बोली शुरू: 3 अक्टूबर 2025
कुल शेयरों की संख्या: 47.58 करोड़ शेयर (Fresh + OFS)
Fresh issue: 21 करोड़ शेयर
Offer for Sale (OFS): 26.58 करोड़ शेयर
PO अनुमानित राशि: ₹17,000 करोड़
हिस्सेदारी ऑफ़र: Tata Sons 23 करोड़ शेयर बेचेंगे, और IFC 3.58 करोड़ शेयर बेचेंगे
IPO का उद्देश्य: कंपनी की Tier-1 capital बढ़ाना और अगली ग्रोथ को फाइनेंस करना
IPO का महत्व और पृष्ठभूमि
RBI की नियमावली (NBFC लिस्टिंग मापदंड)
NBFCs को “upper layer” में ले जाने के बाद उन्हें खुद को सार्वजनिक करना आवश्यक है। Tata Capital को इसी नियम के तहत IPO लाने की दिशा में कदम उठाना पड़ा
Tata Capital की वित्तीय स्थिति
FY 2024–25 में कंपनी का लाभ (PAT) बढ़ा, और राजस्व में भी उछाल देखा गया है
Unlisted शेयरों का व्यवहार: अप्रैल में ~₹1,125 से गिरकर ~₹735 तक आ गए हैं, यानी लगभग 35% गिरावट हुई है
इस गिरावट का कारण बाजार की नकारात्मक भावना, राजस्व अनुमानों और NBFC सेक्टर की चुनौतियाँ बताई जा रही हैं
निवेश करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
1. IPO valuation और risk
IPO में बहुत अधिक पूंजी जुटाई जा रही है, जिससे valuation expectations ऊँची हो सकती हैं।
Unlisted share के नीचे जाने से पता चलता है कि बाजार संस्थान अभी Tata Capital को कम मूल्य दे रहे हैं।
NBFC सेक्टर में उधारी, Non-performing Assets (NPA) आदि जोखिम होते हैं।
2. रिलायबिलिटी और Tata ब्रांड
Tata समूह की विश्वसनीयता एक बड़ा फैक्टर है — ब्रांड भरोसे का एक बड़ा योगदान देता है।
कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट्स, प्रबंधन टीम, growth potential अच्छे से पढ़ें।
3. Lock-in period और शेयर ऑफर
Fresh issue हिस्से पर lock-in हो सकती है — आपको समझना होगा कि शेयर तुरंत बेच पाओगे या नहीं।
OFS हिस्से में promoter शेयर बेचेंगे — इसका मतलब है कि मौजूदा शेयरधारकों को exit का मौका दिया जा रहा है।
4. Grey Market Premium (GMP)
IPO से पहले unofficial market में GMP (Grey Market Premium) बनता है।
उदाहरण के लिए, आज तक Tata Capital का GMP लगभग ₹20 बताया जा रहा है
लेकिन GMP को बहुत सावधानी से देखें क्योंकि यह speculative हो सकता है।
5. आरक्षित कोटे (Reservation Quota)
Retail Investors: 35%
QIB (Qualified Institutional Buyers): 50%
NII (Non-Institutional Investors): 15%
क्या निवेश करना चाहिए? (Pros & Cons)
IPO में निवेश के फायदे (Pros)
1. Tata Brand का भरोसा – भारतीय निवेशक Tata Group पर भरोसा करते हैं।
2. NBFC सेक्टर की ग्रोथ – भारत में credit demand बढ़ रही है।
3. Capital infusion – IPO से जुटाए पैसे कंपनी की Tier-1 capital बढ़ाएंगे।
4. Long-term potential – Loan products और retail finance का future bright है।
📌 IPO में निवेश के जोखिम (Cons)
1. High Valuation Risk – IPO size बड़ा है, जिससे pricing महँगी हो सकती है।
2. Credit Risk और NPA – हर NBFC की तरह loan default का खतरा रहता है।
3. Promoter Exit – OFS हिस्से से promoters exit कर रहे हैं, जिससे signal mixed मिलता है।
4. Market Sentiment – global और Indian markets volatile हैं।
निष्कर्ष: अगर आप लंबी अवधि (3–5 वर्ष) के लिए सोचते हैं और जोखिम स्वीकार कर सकते हैं, तो यह IPO निवेश के लिए आकर्षक हो सकता है। लेकिन short-term speculative निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
निवेश कैसे करें (Step by Step)
1. Demat & Trading Account तैयार करें
पहले से ही खुला होना चाहिए।
2. ASBA आवेदन करें
Internet banking / UPI के माध्यम से IPO आवेदन करें।
3. Bid Price और Quantity तय करें
Price band आने पर देखें कि आप किस मूल्य पर बोलेंगे।Lot size (shares की न्यूनतम संख्या) जानें।
4. Allotment और Listing
Basis of allotment के बाद शेयर आपके Demat account में आएँगे।
Listing दिन पर शेयर खुलेगा।
5. Long-term Strategy तय करें
तुरंत बेचेंगे या होल्ड करेंगे? यह आपकी risk appetite पर निर्भर करेगा।
निष्कर्ष और सुझाव
Tata Capital IPO एक बड़ा अवसर है, लेकिन जोखिम भी हैं।
Brand value और कंपनी की financial strength सकारात्मक संकेत हैं।
यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और market fluctuations को संभाल सकते हैं — तो यह IPO आपके portfolio में जगह बना सकता है।
सोचना ज़रूरी है: Immediate profit के चक्कर में जल्दबाजी न करें।
FAQs
Q1: Tata Capital IPO का lot size कितना होगा?
→ अभी confirm नहीं हुआ, लेकिन retail investors के लिए small lots expected हैं।
Q2: Tata Capital IPO में minimum investment कितना होगा?
→ Price band और lot size आने के बाद पता चलेगा।
Q3: Tata Capital का GMP क्या है?
→ अभी ~₹20 बताया जा रहा है, लेकिन ये speculative है।
Q4: क्या Tata Capital Bajaj Finance का मुकाबला कर पाएगा?
→ Tata Capital का scale छोटा है लेकिन brand trust strong है।
Q5: क्या retail investors को allotment मिलेगा?
→ 35% quota retail investors के लिए reserved है।






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