NPCI का नया बायोमेट्रिक authentication — on-device fingerprint/facial verification से UPI पेमेंट अब PIN-लेस संभव। (अक्टूबर 2025 अपडेट)
सारांश (Quick summary): National Payments Corporation of India (NPCI) ने Global Fintech Fest 2025 में UPI के लिए बायोमेट्रिक authentication की नई सुविधा शुरू की — जो on-device फिंगरप्रिंट और Aadhaar-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन को UPI ट्रांजैक्शन्स में वैकल्पिक तरीके के रूप में अपनाता है। इस पहल का उद्देश्य डिजिटल पेमेंट्स को अधिक आसान, तेज और समावेशी बनाना है।
मुख्य स्रोत: LiveMint, Economic Times, Indian Express, Business Standard, India Today.
यह नया सिस्टम कैसे काम करेगा?
नया मॉडल मुख्यतः दो तरीकों से काम करता है:
- On-device biometric authentication: स्मार्टफोन के इन-बिल्ट फिंगरप्रिंट सेंसर या फेस-आईडी मॉड्यूल का उपयोग करके यूज़र डिवाइस पर ही ऑथेंटिकेशन करेगा — मतलब बायोमेट्रिक डेटा आइज़ोलेटेड और डिवाइस पर प्रोसेस होगा। यह PIN डालने की आवश्यकता को हटा सकता है (या कम कर सकता है)।
- Aadhaar-based face authentication (जहाँ लागू): कुछ प्रक्रियाओं, जैसे UPI PIN सेट/रीसेट या उच्च-मूल्य के सत्यापन, के लिए Aadhaar आधारित FaceRD/UIDAI-संचालित फेस ऑथेंटिकेशन का विकल्प दिया जा रहा है — इस हिस्से के लिए यूज़र की Aadhaar consent और UIDAI के प्रोसेस की ज़रूरत होगी।
किसके लिए उपलब्ध होगा और कब से?
NPCI और संबंधित बैंकों/UPI ऐप प्रदाताओं ने बताया है कि यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से रोल आउट की जाएगी — पहले कुछ UPI ऐप्स और डिवाइस मॉडल पर उपलब्ध कराई जाएगी और फिर व्यापकता बढ़ेगी। Global Fintech Fest 2025 में इसका ऐलान किया गया और कई समाचार रिपोर्टों के अनुसार rollout अक्टूबर 2025 के आसपास शुरू हुआ।
मुख्य फायदे (Benefits)
- तेज़ और आसान उपयोग: PIN न डालकर फिंगरप्रिंट/फेस से पेमेंट तेज़ होगा — छोटी दुकान, पर्सनल पेमेंट्स में ग्राहक अनुभव बेहतर होगा।
- सुविधा (On-device security): बायोमेट्रिक डेटा डिवाइस पर प्रोसेस होगा — theoretically कम डेटा ट्रांसफर, और हाई-लेवल एन्क्रिप्शन के साथ।
- डिजिटल समावेशन: जो लोग PIN भूल जाते हैं या OTP/डेबिट-कार्ड नहीं रखते, उनके लिए आसान रीसेट/ऑथेंटिकेशन विकल्प—विशेषकर सीनियर नागरिक और first-time digital users।
- नए उपयोग के मामले: Micro-ATMs पर बायोमेट्रिक से कैश निकासी, wearables/smart-glasses के जरिए hands-free पेमेंट जैसी सुविधाएँ संभव हुई हैं।
संभावित चिंताएँ और सुरक्षा पहलू (Risks & Concerns)
किसी भी नए ऑथेंटिकेशन मॉडल के साथ कुछ चिंताएँ जुड़ी रहती हैं — और इन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए:
- प्राइवेसी और Aadhaar इंटरफ़ेस: Aadhaar-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन के उपयोग पर कुछ observers ने सुरक्षा और misuse के संभावित जोखिम उठाए हैं — इसलिए UIDAI के प्रोटोकॉल और बैंक/UPI ऐप के consent flows पर खास ध्यान होगा।
- फाल्स पॉज़िटिव/नेगेटिव: फेस या फिंगरप्रिंट रेकॉग्निशन हर स्थिति में 100% परफेक्ट नहीं होता — बीसी/लाइटिंग/स्क्रीन प्रोटेक्शन/डिवाइस सेंसर वैरिएशन से गलती हो सकती है।
- डिवाइस निर्भरता: सावाधनी की जरूरत है — पुराना फोन या कमजोर सेंसर गलत रिज़ल्ट दे सकता है, और ऐसे मामलों के लिए fallback (PIN/OTP) ज़रूरी रहेगा।
- कानूनी और रेगुलेटरी पेचिदगियाँ: बायोमेट्रिक डेटा के उपयोग पर लगातार निगरानी और नियम बदल सकते हैं — इसलिए बैंक/UPI ऐप और UIDAI के निर्देश अहम हैं।
कदम-ब-कदम: आप इसे कैसे इस्तेमाल कर पाएँगे (How-to overview)
नोट: यहाँ सामान्य दिशा बताई जा रही है — वास्तविक स्टेप्स UPI ऐप और बैंक के निर्देशों पर निर्भर करेंगे।
- UPI ऐप (PhonePe / Google Pay / Paytm / Navi UPI आदि) अपडेट करें और जानें कि क्या वह बायोमेट्रिक सपोर्ट डाला गया है।
- डाउनलोड/लॉगइन के बाद “Biometric Payments” सेटिंग में जाएँ और डिवाइस बायोमेट्रिक्स (fingerprint/face) को लिंक करें।
- कुछ मामलों में Aadhaar-based FaceRD verification के लिए UIDAI के ऐप या प्रक्रिया से consent देना होगा — खासकर PIN सेट/रीसेट के लिए।
- ट्रांजैक्शन करते समय डिवाइस बायोमेट्रिक स्कैन मांगने पर अनुमति दें — और अगर डिवाइस असफल हो तो fallback PIN/OTP विकल्प रहेगा।
बैंक और ऐप्स का रोल
NPCI प्लेटफ़ॉर्म पर यह फीचर रोलआउट करेगा, पर बैंकों और UPI ऐप्स को इसे अपनाना होगा — और हर बैंक के लिए cryptographic verification और transaction-level checks जरूरी होंगे। NPCI ने कहा है कि हर ट्रांजैक्शन पर बैंक स्वतंत्र रूप से क्रिप्टोग्राफिक सत्यापन करेगा ताकि सुरक्षा बनी रहे।
वास्तविक दुनिया के उपयोग के उदाहरण
- दैनिक किराना खरीद — अब छोटे दुकानों पर PIN न डालकर फिंगरप्रिंट से पेमेंट।
- बिना कार्ड के कैश निकासी — Micro ATM/BCA touches पर UPI biometric के जरिए कैश निकालना।
- वियरेबल्स/स्मार्ट ग्लास के साथ hands-free पेमेंट — कुछ डेमो और रोलआउट केस दिखाए गए हैं।
क्यों अब यह बड़ा कदम माना जा रहा है?
UPI ने 2016 के बाद से भारत में डिजिटल पेमेंट्स क्रांति को तेज़ किया — PIN और OTP मॉडल ने काम किया पर यूज़र-फ्रेंडली विकल्पों की ज़रूरत बढ़ी। बायोमेट्रिक विकल्प तेज़ता, accessibility और कुछ मामलों में अधिक सुरक्षा दे सकते हैं — खासकर जहां OTP या कार्ड उपलब्ध नहीं है। इसलिए यह कदम व्यापक डिजिटल समावेशन की दिशा में एक लॉजिकल अगला कदम माना जाता है।
अपडेट नोट्स — क्या जबरदस्त बदलाव तुरंत होगा?
नहीं — यह चरणबद्ध रोलआउट है। शुरूआती दिनों में कुछ UPI ऐप्स या विशेष बैंक ग्राहकों/डिवाइस पर यह सुविधा उपलब्ध होगी। व्यापक स्वीकार्यता और रेगुलेशन के अनुसार प्रक्रियाएँ बदल सकती हैं। इसलिए वेबसाइट पर यह आर्टिकल प्रकाशित करने के बाद अपडेट्स जोड़ना ज़रूरी होगा।
Quick Takeaway (संक्षेप)
NPCI का बायोमेट्रिक UPI पहल डिजिटल पेमेंट अनुभव को और सरल, तेज़ और समावेशी बनाने का लक्ष्य रखता है — पर सुरक्षा, प्राइवेसी और fallback मैकेनिज्म (PIN/OTP) पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है। अगर आप नया फीचर इस्तेमाल करना चाहें तो पहले अपने बैंक/UPI ऐप से आधिकारिक स्टेप्स और consent प्रोसेस पढ़ लें।
FAQ — अक्सर पूछे जाने वाले सवाल





